वक्फ बोर्ड के CEO जहीरूद्दीन के खिलाफ वित्तीय अनियमितता की शिकायत, तो चेयरमैन अशरफी पर करोड़ों रुपए गबन का लगा आरोप, एसीएस को लिखा लेटर… पढ़िए क्या है मामला..

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14 जुलाई 2019, बिलासपुर। छ.ग.वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सलीम अशरफी के द्वारा सीईओ के. एस. जहीरूद्दीन के खिलाफ वित्तीय अनियमितता की शिकायत करते हुए पद से हटाने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखने के एक सप्ताह के बाद, सीईओ जहीरूद्दीन ने भी अशरफी के खिलाफ़ वित्तीय अनियमितता की शिकायत की है। हालांकि सीईओ द्वारा किए गए शिकायत को बदले की कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है।

छ.ग.वक्फ बोर्ड में सियासत इन दिनों शबाब पर है। चेयरमैन और सीईओ द्वारा एक-दूसरे को निपटाने का खेल चल रहा है। दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ़ अनियमितता शिकायत की है। हालांकि अशरफी के खिलाफ़ ऐसा आरोप पहली बार किसी ने लगाया है, जबकि के. एस. जहीरूद्दीन के खिलाफ़ पहले से ही अनियमितता की कई शिकायतें हैं और एफआईआर भी दर्ज है। ताजा मामला बोर्ड के चेयरमैन सलीम अशरफी के द्वारा सीईओ के एस जहीरूद्दीन के खिलाफ़ 60 लाख रूपए की अनियमितता करने और सीईओ पद से जहीरूद्दीन की प्रतिनियुक्ति समाप्त करने के पत्र लिखने का है। अशरफी द्वारा पत्र लिखकर हटाए जाने की मांग करने के बाद जहीरूद्दीन ने भी आदिम जाति विभाग के सचिव को पत्र लिखकर अशरफी की शिकायत किया है।

जहीरूद्दीन के खिलाफ़ पहले भी हो चुकी है कार्रवाई

वक्फ़ बोर्ड के सीईओ के एस जहीरूद्दीन इससे पहले जहां पदस्थ थे वहां उनके खिलाफ़ पहले भी करोड़ों रू के गबन और घोटाले के आरोप लग चुके है।जिस पर उनके खिलाफ़ एफआईआर भी दर्ज किया जा चुका है और पद से हटाया भी गया था। जहीरूद्दीन वक्फ बोर्ड में प्रतिनियुक्ति में आने से पहले दंतेवाड़ा में पशु विभाग में पदस्थ थे जहां लाखों रू के स्टेशनरी घोटाले में आरोपी थे। उसके बाद मनरेगा में करोड़ों रू के घोटाले में नाम आने के बाद तत्कालीन संभागायुक्त ने जहीरूद्दीन निलंबित कर दिया था। दंतेवाड़ा में पदस्थ रहने के दौरान वहां के पशु चिकित्सको ने भी जहीरूद्दीन के व्यवहार को लेकर मोर्चा खोला था।

राज्य बनने के बाद से ही अशरफी है अध्यक्ष

इसे सलीम अशरफी के व्यक्तित्व का कमाल कहें या कुशल प्रशासनिक क्षमता कि सलीम अशरफी, राज्य बनने के बाद कांग्रेस शासनकाल में भी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहें और पंद्रह साल भाजपा राज में भी। फिलहाल तो अशरफी के खिलाफ़ शिकायत सामने आने से प्रशासनिक के अलावा राजनितिक क्षेत्र में भी हलचल है। क्योंकि इतने वर्षों से बेदाग तरीके से बोर्ड का संचालन करने वाले अशरफी के खिलाफ़ शिकायत को लोग पचा नहीं पा रहें हैं।

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