जब 12th टॉपर ने आईआईटी प्रवेश के लिए कलेक्टर से पूछे सवाल.. तब कलेक्टर ने बताई अपनी गलतियां.. छात्रों को दिए कैरियर को लेकर टिप्स.. बोले- वीडियो गेम से नहीं करें टाइम बर्बाद.. बल्कि वर्किंग वूमेन से बनाए अपनी पहचान.. पढ़िए पूरी खबर..

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दुर्ग 13 मई, 2019। जिले के मैरिट में आये छात्र छात्राओं से आज कलेक्टर अंकित आनंद ने मुलाकात की। उन्होंने छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं के साथ भविष्य में कैरियर को लेकर टिप्स भी दिए। जिला कलेक्ट्रेट परिसर में शिक्षा विभाग के अधिकारी व छात्र छात्राओं के परिजन मौजूद थे।

छात्रों को दिए टिप्स

12th के टॉपर छात्र के आईआईटी में प्रवेश के पूछे गए सवाल पर कलेक्टर ने जवाब देते हुए कहा कि आईआईटी में प्रवेश के लिए इंग्लिश कोई बाध्यता नहीं पर प्रवेश लेने के बाद इंग्लिश सीखना बहुत ज़रूरी है। छात्रों को भविष्य से जुड़े कैरियर के लिए घबराने की जरूरत नहीं है जिला प्रशासन हर संभव मदद करने का प्रयास करेगा।

कलेक्टर में बताई अपनी गलतियां

कलेक्टर ने बताया कि छात्र रहते हुए उन्होंने क्या गलतियां की थी। छात्रों से चर्चा करते हुए अंकित आनंद ने बताया कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान तृतीय वर्ष तक उनके अंक बहुत अच्छे थे लेकिन चौथे वर्ष उन्होंने वीडियो गेम खेलने में अपना समय बर्बाद किया। जिसकी वजह से उनके कम अंक आये छात्रों को सलाह दी कि आप उन चीजों में बिल्कुल वक्त बर्बाद न करे जिनमें आपका समय नष्ट हो। समय का बेहतर से बेहतर उपयोग ही एक उज्ज्वल भविष्य में आपकी मदद कर सकता है।

कलेक्टर अंकित आनन्द ने परिजनों से कहा कि अपने बच्चों को इंटरनेट से दूर न रखे इंटरनेट जानकारी का एक जबरदस्त भंडार है जो कि आपके बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए ज़रूरी है। इस बात की मॉनिटरिंग ज़रूरी है कि आप इस बात का ध्यान रखे कि आपके बच्चे इंटरनेट पर क्या देख रहे है।
छात्राओं को विशेष सुझाव।

आपको बता दे कि जिले के 5 टॉपर में से 4 छात्रायें है, अंकित आनंद ने छात्राओ को विशेष सुझाव देते हुए कहा कि आज समाज वूमेन ओरिएंटेड है आप सभी ने जिस तरह से जिले में अपने आप को बेहतर साबित किया है। आपका मुकाबला अब राज्य और देश मे अपने आप को बेहतर बनाने का है। लड़कियां अब हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है मैं भी आशा करता हूँ कि आप सभी एक वर्किंग वूमेन के रूप में अपनी पहचान बनाये। एक अच्छी ज़िंदगी जीने के लिए अपने आप पर आत्मनिर्भर होना भी बहुत ज़रूरी है। हमसे पहले कि पीढ़ी में लड़कियों का काम काजी होना उतना ज़रूरी नहीं होता था पर आज के दौर और समय की मांग के हिसाब से महिलाओं को भी किसी प्रोफेशन से जुड़ा होना जरूरी होता जा रहा है इससे परिवार आपके आर्थिक योगदान के साथ आपका भी आत्म सम्मान बढ़ता है।

अंकित आनंद ने इस दौरान अपनी पत्नी का आईएफएस की नौकरी से जुड़ा होने के बाद परिवार में योगदान का उदाहरण भी दिया।

बच्चों ने कहा कि कलेक्टर से मिलने के बाद मन में कई तरह का डर था वह दूर हो गया। वही उन्होंने जो मार्गदर्शन व आश्वासन हमें दिया है उससे हमें अपने बेहतर भविष्य के निर्माण में सहायता मिलेगी।

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