04 जून 2019, रायपुर। CM भूपेश बघेल 6 जून मंत्रालय में SP और कलेक्टर्स की कॉन्फ्रेंस लेंगे। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने जा रही कॉन्फ्रेंस दो सत्रों में आयोजित की गई है। पहला सत्र दोपहर एक बजे से 5 बजे तक आयोजित किया जाएगा, जिसमें सभी कमिश्नर, कलेक्टर, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के साथ नगर निगमों के आयुक्त उपस्थित रहेंगे। कलेक्टर कॉन्फ्रेंस का दूसरा सत्र शाम 5 बजे से रात्रि 7 बजे तक होगा, जिसमें सभी कमिश्नर, पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक शामिल होंगे।
कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में भूपेश सरकार की महत्वपूर्ण योजना पर होगी चर्चा
- ‘नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी,
- लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों के निराकरण की स्थिति,
- वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत निरस्त आवेदनों की समीक्षा,
- शहरी भूमि के पट्टों के नवीनीकरण,
- नदियों की भूमि के सीमांकन एवं उस पर हुए अतिक्रमण की जानकारी,
- जल संरक्षण हेतु किए गए उपायों और
- सिंचाई रकबा दोगुना करने के लिए तैयार की गई कार्ययोजना की समीक्षा की जाएगी।
ये भी मुद्दे अहम होंगे
- कॉन्फ्रेंस में नदियों को प्रदूषण मुक्त करने के लिए बनाई जाने वाली कार्ययोजना,
- नदियों के तट पर वृक्षारोपण,
- चिटफंड घोटाले की पीड़ितों के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों की वापसी और पीड़ितों को राशि वापसी हेतु किए गए उपायों,
- फूड प्रोसेसिंग,
- सूक्ष्म लघु एवं मध्यम श्रेणी,
- लघु वनोपज आधारित एवं कृषि प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना एवं प्रस्तावित रोजगार सृजन की कार्ययोजना,
- डीएमएफ और सीएसआर से हितग्राही मूलक कार्यों की प्रस्तावित कार्ययोजना तथा अब तक प्राप्त राशि एवं व्यय की स्थिति,
- पेयजल संकटग्रस्त ग्रामों, मजरों-टोलों को पेयजल संकट से मुक्त करने की प्रस्तावित कार्ययोजना,
- जेनेरिक दवाईयों की उपलब्धता और महिलाओं एवं बच्चों एवं पोषण स्तर में सुधार की स्थिति की समीक्षा की जाएगी।
- कॉन्फ्रेंस के दौरान समर्थन मूल्य पर धान के उपार्जन,
- परिवहन और कस्टम मिलिंग,
- वर्षा पूर्व पहुंच विहीन क्षेत्रों में खाद्यान्न भण्डारण,
- बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों के चिन्हांकन और आवश्यक व्यवस्थाएं,
- शहरी क्षेत्रों में नदियों को प्रदूषण मुक्त करने की कार्ययोजना,
- पेयजल संकट निवारण, नालों-नालियों की वर्षा पूर्व सफाई,
- रेन वाटर हार्वेस्टिंग, मोर जमीन-मोर मकान योजना,
- शहरी क्षेत्रों में उपलब्ध ई.डल्ब्यू.एस. भूमि और खरीफ हेतु खाद और बीज की समुचित व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी।