बिना प्रोटोकॉल के हॉस्टल पहुंचे सीएम भूपेश, कहा- मेरे सीनियर रहे विवेक ढांढ को मैंने ही मारा था चॉक, और भी किए कई खुलासे.. देखिए पूरा वीडियो..

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13 जनवरी 2019, रायपुर। हॉस्टल डे के दिन रायपुर के साइंस कॉलेज के स्टूडेंट के एक बार किए गए आग्रह पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बिना किसी प्रोटोकॉल के साइंस कॉलेज स्थित बॉयज हॉस्टल पहुंचे जहां उन्होंने हॉस्टल डे की बधाई देते हुए कॉलेज के स्टूडेंट को और हॉस्टल के छात्रों को संबोधित किया। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हॉस्टल में बिताए हुए दिन को याद किया और ऐसी अनसुनी कहानी बताई जिसे सुनकर आप भी चौंक जाएंगे देखिए पूरा वीडियो।

भूपेश ने पूर्व सीएस विवेक ढांड को कॉलेज में मारा था चॉक

सीएम भूपेश बघेल अपने कॉलेज के दिन को याद करते हुए एक किस्सा सुनाया जो शायद ही किसी ने सुना होगा। दरअसल भूपेश बघेल ने बताया कि जब वे कॉलेज की पढ़ाई कर रहे थे तब उनके सीनियर रहे विवेक ढांड एमएससी की पढ़ाई के बाद अपने ही कॉलेज में एडहॉक में पढ़ाने लगे। तब उनके दोस्तों में इस बात की शर्त लगी कि कौन विवेक ढांढ को चौक से मारेगा। तब भूपेश ने चौक से विवेक घाट को मारा था। इस बात को बताते हुए भूपेश ने कहा कि विवेक ढांड बहुत अच्छे टीचर थे, बहुत अच्छा पढ़ाते थे उनकी तारीफ में यह भी कहा कि वह बहुत अच्छे इंसान भी है।

अपने रूममेट सूरज कवर को याद करते हुए सुनाया किस्सा

साइंस कॉलेज के मुखर्जी बॉयज हॉस्टल में बिताए पल को याद करते हुए भूपेश ने अपने रूममेट सूरज कुमार कवर कोई याद किया। उन्होंने बताया कि 1979 में सूरज कुमार कवर के साथ रूम शेयर किया था। इसके बाद उन्होंने 1998 में मुलाकात की थी जब वह लोकसभा चुनाव में डॉ चरणदास महंत के प्रचार के लिए भैंस्मा गांव जाना था। तब वह बार-बार सोच रहे थे कि यह भैंस्मा गांव को मैं कैसे जानता हूं। बड़ी दिलचस्प कहानी सुनाते हुए उन्होंने कहा कि मैं आसमान की तरफ देखा तो मुझे सूरज दिखा उसके बाद मुझे मेरा रूममेट सूरज याद आ गया और पता चला कि वह भैंस्मा का रहने वाला है। यही नहीं जब मैं प्रचार के लिए भैंस्मा गांव गया और जहां रुका तो मैंने पूछा सूरज कहां रहता है तो बड़ा इत्तेफाक था कि जिस घर में मैंने पूछा वह सूरज का घर था।बिना प्रोटोकॉल के पहुंचे मुख्यमंत्री

साइंस कॉलेज के पूर्व छात्र रहे रवि गढ़पाले और उनके साथियों के आग्रह पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल साइंस कॉलेज के मुखर्जी हॉस्टल पहुंचे जहां पर बिना प्रोटोकॉल के ही पहुंच थे उनके दिन भर के शेडूल में इस कार्यक्रम का कोई निर्धारित समय नहीं था बावजूद इसके भूपेश ने पूर्व छात्रों के आग्रह पर कॉलेज पहुंचे थे

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