महिलाओं की सुरक्षा के लिए 42सौ से ज्यादा सार्वजनिक जगहों पर लगाए गए CCTV कैमरे… विभागीय भर्तियों के लिए जारी हैं भर्ती.. सीएम ने दी जानकारी..

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रायपुर। मुख्यमंत्री ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा लागू की गई योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने इस संबंध में लोकवाणी में महासमुन्द जिले की उत्तरा विदानी द्वारा किए गए प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि महासमुन्द जिले में हर थाने में महिला डेस्क स्थापित है। इसके अलावा 1091 महिला हेल्प लाइन नम्बर भी है। महिला हेल्प लाइन-181, सखी वन स्टॉप सेन्टर, महिला-पुलिस स्वयंसेविका योजना, महिला जागृति शिविर, स्व-आधार योजना, उज्ज्वला गृह योजना, कामकाजी महिला हॉस्टल योजना, महिला शक्तिकेन्द्र योजना आदि सुरक्षा तथा सहयोग के लिए काम कर रहीं हैं।

  • प्रदेश के 374 थानों में महिला डेस्क स्थापित की जा चुकी हैं तथा 8 जिलों में महिला विरूद्ध अपराध विवेचना इकाई भी संचालित की जा रही है।
  • 4 हजार 255 सार्वजनिक स्थानों पर सी.सी.टी.वी. कैमरे स्थापित किए गए हैं तथा स्थानीय स्तर पर संगठनों को प्रेरित किया जा रहा है कि वे भी अपने स्तर पर सी.सी.टी.वी. कैमरे सार्वजनिक स्थानों पर लगाएं।
  • महिलाओं से संबंधित अपराधों की विवेचना के लिए 6 जिलों में आई.यू.सी.ए.डब्ल्यू. का गठन किया गया है। चार जिलों में महिला थाने स्थापित किए गए हैं।
  • इसके अतिरिक्त पारिवारिक विवाद एवं महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों के लिए महिला परामर्श केन्द्र, महिला पुलिस वालंटीयर्स तथा बालिका आश्रम व छात्रावास में सुरक्षा हेतु महिला होमगार्ड की तैनाती की गई है।
  • अपराध से पीड़ित महिलाओं के लिए क्षतिपूर्ति राशि का प्रावधान किया गया है। 
  • उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी ही नहीं सर्वोच्च प्राथमिकता है।
  • मुख्यमंत्री ने माताओं-बहनों से अपील करते हुए कहा कि वे इस संबंध में स्वयं भी जागरूक हों और अन्य लोगों को इसके बारे में बताएं। 

दो साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षाकर्मी होंगे नियमित

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षाकर्मियों के नियमितिकरण के मामले को राज्य सरकार ने पूरी संवेदनशीलता से, पूरी जिम्मेदारी से देखा है, उनकी सारी समस्याओं का हल किया है। एकमात्र सवाल और मांग यह रह गयी थी कि 2 साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षाकर्मी को भी नियमित कर दिया जाए। अभी हमने वर्ष 2020-21 का बजट विधानसभा में प्रस्तुत किया है, इस बजट में यह मांग भी पूरी कर दी गई है। विधानसभा से बजट पारित होते ही इसकी प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी, इस निर्णय का ज्यादातर लाभ महिलाओं को ही मिलेगा।

विभागीय भर्तियों के खुले दरवाजे

सीएम बघेल ने प्रदेश में रोजगार के उपलब्ध अवसरों की जानकारी देते हुए कहा कि पी.एस.सी., व्यापम, विभागीय परीक्षाओं के माध्यम से होने वाली भर्तियों के दरवाजे खोल दिए गए हैं। शासकीय सेवाओं में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत पद आरक्षित किए गए हैं। वहीं आयु सीमा में भी 10 वर्ष की विशेष छूट दी गई है। इस तरह सभी नियमों का पालन करते हुए जितने पुराने रिक्त पद थे, उन सब पर भर्ती हुई है और हो रही है। नई प्रशासनिक इकाइयों, नए कार्यालयों, नए स्कूल-कॉलेजों के लिए भी लगातार निर्णय लिए जा रहे हैं और मुझे खुशी है कि नियमित भर्ती प्रक्रिया में भी बड़ी संख्या में बेटियाँ और बहनें परीक्षाओं के माध्यम से चयनित हो रही हैं।