EXCLUSIVE: छत्तीसगढ़ के संविदा कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, CM भूपेश ने मांगी 4 बिंदुओं की जानकारी, विभाग समेत निगम-मंडल के कर्मचारियों का 3 दिन में तैयार होगा डाटा, जल्द मिल सकती हैं खुशखबरी..

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रायपुर 26 जुलाई, 2019 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जल्द ही संविदा कर्मचारियों को सौगात दे सकते है। दरअसल उन्होंने आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के करीब 1 लाख 80 हजार संविदा कर्मचारियों का डाटा तैयार करने को कहा है। GAD  ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद सभी विभागों के ACS, प्रमुख सचिव और सचिव से चार अलग-अलग बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। सभी विभाग के अलावा निगम और मंडल को भी जानकारी देनी होगी। GAD ने तीन दिन के भीतर सभी बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। जीएडी सिकरेट्री रीता शांडिल्य के आदेश से जारी पत्र में कर्मचारियों के पदों को लेकर जानकारी मांगी गयी है।

इन चार बिंदुओं पर मांगी जानकारी

  • शासन के विभिन्न विभागों और उनके अधीन निगम-मंडल में दैनिक वेतनभोगी/ कार्यभारित/संविदा/प्लेसमेंट एजेंसी तथा अन्य अस्थायी पदों पर कार्यरत कर्मचारियों के संबंध में विवरण प्रस्तुत किया जाये।
  • राज्य में दिसंबर 2018 से नयी सरकार के गठन के पश्चात विभागों/निगम मंडलों द्वारा नियमित पदों पर की गयी या की जा रही अथवा निकट भविष्ट में जाने वाली नियुक्ति संबंधी विवरण भी प्रस्तुत किया जाये।
  • विभिन्न विभागों/निगम/मंडलों में अनुकंपा नियुक्ति से संबंधित लंबित प्रकरणों तथा आश्रित व्यक्तियों को अनुकंपा नियुक्ति में हो रहे विलंब सबंधी विवरण प्रस्तुत किया जाये।
  • श्रम कानूनों से संबंधित विवादों सहित सेवा भर्ती संबंधी विवादों के कारण विभिन्न विभागों/निगम/मंडलों के कर्मचारियों/अधिकारियों द्वारा उच्च न्यायालय में लंबिंत याचिकाओं एवं विवाद कारण संबंध विवरण प्रस्तुत किया जाये।

इन चार मामलों में आखिर के दो मामले शिक्षाकर्मियों से भी जुड़े हैं। अनुकंपा नियुक्ति का अगर सबसे ज्यादा विवाद है, तो वो है शिक्षाकर्मियों का, क्योंकि में प्रदेश में करीब साढ़े तीन हजार से ज्यादा शिक्षाकर्मियों के अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण लंबित है। इस प्रक्रियाओं में पेचिदगियां इसलिए है क्योंकि आवेदन के साथ ही तीन साल के भीतर बीएड-डीएड के साथ टीईटी पास करना भी जरूरी होता है, लिहाजा इस असंभव से इम्तिहान को पास नहीं कर पाने की वजह से शिक्षाकर्मियों का मामला अटका पड़ा है।

वहीं सेवा भर्ती संबंधी कई शिक्षाकर्मियों से जुड़े मामले हाईकोर्ट में लंबित है। अधिकांश मामलों में सेवा शर्तों को चैलेंज किया गया है। पिछले दिनों संपूर्ण संविलियन के बाद ही शिक्षकों की नयी नियुक्ति करने के मामले में भी सेवा शर्तों भर्ती विवाद को ही चैलेंज किया गया है। वहीं शिक्षकों व शिक्षाकर्मियों की सेवा से जुड़े कई अन्य प्रकरण भी हाईकोर्ट में याचिका के तौर पर दर्ज कराये गये हैं।

राज्य सरकार ने जिस तरह से चार बिंदुओं पर जवाब मांगा है, उससे तो यही लग रहा है कि कर्मचारियों व शिक्षाकर्मियों के मुद्दे पर जल्द ही राज्य सरकार कुछ अहम फैसले ले सकते हैं। वहीं अनुकंपा की नियुक्ति का विवाद भी खत्म हो सकता है।

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