बड़ी खबर: कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय समेत 2 यूनिवर्सिटी के बदले नाम.. अब राज्य सरकार अपनी पसंद के कुलपति की कर सकेंगे नियुक्ति… स्कूलों में फीस पर लगाम लगाने बनाई गई मंत्रियों की उपसमिति..

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यपुर। अब राज्य सरकार विश्वविद्यालयों में अपनी पसंद से कुलपति की नियुक्ति कर सकेगी। इससे पहले राज्यपाल के पास यह अधिकार होता था। सरकार किसी भी कुलपति को हटाने की अनुशंसा कर सकती है। सरकार ने प्राइवेट स्कूलों में बेतहाशा फीस पर लगाम लगाने के लिए मंत्रियों की एक उप समिति बनाई है, जो फीस में एकरूपता के लिए सिफारिश करेगी। इसके अलावा आधा दर्जन से ज्यादा संशोधक विधेयकों को मंजूरी दी गई है। यह सब कुछ मंगलवार देर शाम हुई राज्य सरकार की कैबिनेट बैठक में तय किया गया। 
 दो यूनिवर्सिटी के बदले गए नाम

राज्य सरकार ने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता व जनसंचार विश्वविद्यालय और पं. सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय को छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक के अंतर्गत लाने का फैसला किया है। अब सभी विश्वविद्यालयों का संचालन और कुलपति की नियुक्ति एक ही प्रक्रिया के तहत होगी। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय का नाम पूर्व सांसद, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व पत्रकार चंदूलाल चंद्राकर के नाम से और कामधेनु विश्वविद्यालय का नाम वासुदेव चंद्राकर के नाम पर बदलने का फैसला भी किया गया है।

कोरोना वायरस से संक्रमण के खतरे को ध्यान में रखकर यह बैठक ऑनलाइन हुई। मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई इस कैबिनेट बैठक में शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी खोलने को भी मंजूरी दी है। पं. सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति को लेकर राजभवन और सरकार आमने-सामने आ गए थे। दोनों ही विश्वविद्यालयों में राज्यपाल ने जो नियुक्तियां की हैं, उससे सरकार सहमत नहीं थी। इस वजह से विवाद की स्थिति बनी थी। हालांकि बाद में राजभवन की ओर से यह स्पष्ट किया गया था कि सरकार से समन्वय के बाद ही नियुक्तियां की गई थीं।