PM इमरान के अमेरिका दौरे से पहले पाकिस्तान को बड़ा झटका, अमेरिकी सुरक्षा सहायता पर लगाई रोक.. जानिए क्या हैं वजह..

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वॉशिंगटन। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के अमेरिका दौरे से पहले कांग्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादी समूहों के खिलाफ पाकिस्तान की ओर से निर्णायक कार्रवाई न होने तक उसे मिलने वाली सुरक्षा सहायता बंद रहेगी।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के अमेरिकी दौरे से पहले पाकिस्तान को अमेरिका की ओर से बड़ा झटका मिला है। इमरान खान के अमेरिकी दौरे से पहले पाकिस्तान ने मोस्ट वॉन्टेड आतंकी हाफिज सईद को गिरफ्तार कर अमेरिका को खुश करने की बहुत कोशिश की है। बताया जा रहा है पाकिस्तान ने मोस्ट वॉन्टेड आतंकी हाफिज सईद की गिरफ्तारी अमेरिका को ध्यान में रखते हुए की थी। लेकिन लगता है अमेरिका किसी भी तरह से पाकिस्तान को बख्शने वाला नहीं है। अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादी समूहों के खिलाफ पाकिस्तान की ओर से निर्णायक कार्रवाई न होने तक उसे अमेरिकी की ओर से मिलने वाली सुरक्षा सहायता बंद रहेगी।

बता दें, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के निर्देश पर अमेरिका ने जनवरी 2018 में पाकिस्तान को दी जाने वाली अपनी सभी सुरक्षा सहायता बंद कर दी थी। ट्रम्प प्रशासन के दौरान व्हाइट हाउस में किसी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की यह पहली उच्च स्तरीय यात्रा है।

  • स्वतंत्र कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) ने कहा कि पाकिस्तान कई इस्लामी चरमपंथी और आतंकवादी समूहों के लिए एक अड्डा है, और क्रमिक रूप से पाकिस्तानी सरकारों को व्यापक रूप से सहन करने और यहां तक कि इस्लामाबाद के अपने पड़ोसियों के साथ ऐतिहासिक संघर्षों में समर्थक के रूप में समर्थन करने के लिए माना जाता है।
  • सीआरएस अमेरिकी कांग्रेस का एक स्वतंत्र और द्विदलीय शोध विंग है, जो सांसदों को सूचित निर्णय लेने के लिए ब्याज के मुद्दों पर आवधिक रिपोर्ट तैयार करता है। इसकी रिपोर्ट क्षेत्र के प्रख्यात विशेषज्ञों द्वारा तैयार की जाती है और इसे कांग्रेस का आधिकारिक दृष्टिकोण नहीं माना जाता है।
  • कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) ने पाकिस्तान पर एक हालिया रिपोर्ट में कहा, ‘पाकिस्तान कई इस्लामी चरमपंथियों एवं आतंकवादी समूहों का पनाहगाह है और पाकिस्तान में आने वाली सरकारों के बारे में माना जाता है कि उन्होंने इसे बर्दाश्त किया और पाकिस्तान के उसके पड़ोसियों के साथ ऐतिहासिक संघर्षों में कुछ ने प्रतिनिधि बनकर इनका समर्थन भी किया है।’
  • सीआरएस की नवीनतम रिपोर्ट ने सांसदों को बताया कि 2011 में अलकायदा के आतंकी ओसामा बिन लादेन ने पाकिस्तान में वर्षों से शरण का आनंद लिया था। जिससे द्विपक्षीय संबंधों की गहन अमेरिकी सरकार ने जांच की।
  • सीआरएस अमेरिकी कांग्रेस की स्वतंत्र एवं द्विपक्षीय शोध शाखा है जो सांसदों के हित के मुद्दों पर समय-समय पर रिपोर्ट तैयार करती है ताकि वे सूचना के आधार पर निर्णय कर सकें। इसकी रिपोर्ट क्षेत्र के विशेषज्ञ तैयार करते हैं और इसे कांग्रेस का आधिकारिक विचार नहीं माना जाता है।

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