सेक्स बढ़ाने वाली दवाई के ओवर डोज से आशा की मौत.. यहां बच्चा पैदा करने के लिए दी जाती हैं ड्रग्स..

0
188

रियाबंद@ परमेश्वर कुमार साहू। बीती रात को उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के रेस्क्यू सेंटर में आशा नामक मादा वनभैंसा की मौत हो गई है। तार से घिरे बाड़ा के मुख्य द्वार से लगभग 200 मीटर भीतर जंगल में ट्रेकरो ने आशा को मृत पाकर इसकी सूचना अफसरों को दिया है। डब्ल्यू.टी.आई. से नियुक्त चिकित्सक आर.पी. मिश्रा ने इस मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि आशा उम्र दराज होने के कारण लंबे समय से बिमारी से ग्रसित थी। वही प्रकृति एवं संस्कृति रिसर्च सोसाईटी के डायरेक्टर और बाघ रिसर्चकर्ता तीव कुमार सोनी के द्वारा उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में वनभैंसों को सेक्स वर्धक दवाईयाँ खिलाने का आरोप लगाया जाता रहा है। उनका आरोप है कि सेक्स वर्धक दवाईयाँ के ओवर डोज दिए जाने के कारण ही मादा वन भैसा आशा की मौत हुई है। वर्ष 2005 में वन विभाग के अधिकारियों ने शासन को बताया था की उदंती अभ्यारण्य में 61 वन भैंसे है परन्तु दिल्ली से आये वाईल्ड लाईफ टास्क फ़ोर्स ने जब जांच पड़ताल किया तो उदंती अभ्यारण्य में केवल 7 वन भैंसे ही पाए गए थे। तब से अधिकारियों पर वन भैसों की संख्या बढाने के लिए काफी दबाव है। इसके बाद अधिकारियों ने वन भैसों की संख्या बढाने के लिए वन भैसों को सेक्स वर्धक दवाईया और स्टेराईड खिलाना शुरू कर दिया है ताकि दवाईया खा कर वन भैसे अधिक से अधिक प्रजनन करे और बच्चा पैदा कर वन भैसों की सख्या बढाए। आज सेक्स वर्धक दवाईया के ओवर डोज दिए जाने के कारण राजकीय पशु वन भैसे आशा की मौत हो गयी है।

वन भैसों को सेक्स वर्धक दवाईया खिलाये जाने के संबंध में समाचार भी छपते रहे है।

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के अधिकारी वन भैसों की संख्या बढाने के लिए वन भैसों को सेक्स वर्धक दवाईया और स्टेराईड खिलाना शुरू कर दिया है। ताकि दवाईयां खाकर वन भैसे अधिक से अधिक प्रजनन करे और बच्चा पैदा कर वन भैसों की सख्या बढाए। वन भैसों को सेक्स वर्धक दवाईया खिलाये जाने के संबंध में कई समाचार पत्रों में लगातार समाचार भी छपते रहे है। परन्तु वन भैसों को सेक्स वर्धक दवाईया खिलाये जाने की बात को शासन ने गंभीरता से नहीं लिया जिसका नतीजा यह हुआ की आज सेक्स वर्धक दवाईया के ओवर डोज दिए जाने के कारण राजकीय पशु वन भैसे आशा की मौत हो गयी है।

सेक्स वर्धक दवाईयों के नशे में वनभैंसे गाँव की भैसियों पर हमले करते है।

सोनी के अनुसार उदंती अभ्यारण्य में कोई भी प्रशिक्षित डाक्टर नहीं है इसलिए सेक्स वर्धक दवाईया कितनी मात्रा में वन भैसों को देना है किसी को पता नहीं है। दवाईयों की मात्रा का ज्ञान नहीं होने के कारण वन भैसों को अधिक मात्रा में सेक्स वर्धक दवाईया दे दिया जाता है। जिसका परिणाम यह होता है की दवाईयों के ओवर डोज से वन भैसों में प्रजनन की तीव्र इच्छा जाग जाती है और वो प्रजनन के लिए घने जंगलों को छोड़ कर ये वनभैंसा ग्रामीण बसाहट के आसपास पालतू भैसों से सहवास करने गांव पहुंचने लगते हैं। शाम होते ही वनभैंसा अंधेरे में सीधे ग्रामीणों के पालतू मवेशियों को रखने का कोठा तक पहुंच जाता है और गाँव की पालतू भैसियो पर सहवास के लिए हमले कर देता है। सहवास के लिए वनभैंसा जुगांड़, कुर्रूभाठा, डूमरपड़ाव, जांगड़ा, पायलीखंड के आसपास आसानी से दिखाई देता रहता है |

कामांध वनभैंसे के हमले से पालतू भैसियो को हो चुका है भारी नुकसान, नहीं मिला मुआवजा सेक्स वर्धक दवाईयो के नशे में कामांध वनभैंसे के हमले से कई पालतू भैसियो को भारी नुकसान हो चुका है। ग्रामीणों ने वन विभाग से होने वाले जान माल के नुकसान से बचाने की कई बार गुहार लगाई है। वनभैंसा उदंती अभयारण्य के अंदर से गांव की तरफ आ जाते हैं और ग्रामीणों के पालतू मादा भैसों से सहवास करने की कोशिश करते है। इन वनभैंसों का पिछले कुछ वर्षों से गांव की तरफ आना एक सामान्य बात हो गई है लेकिन इससे ग्रामीणो को डर लगा रहता है। पिछले कुछ वर्षों से उदंती अभयारण्य के घने जंगलों निकलकर गांव पहुंचे वनभैंसो ने पालतू भैंसों को काफी नुकसान पहुंचाया है। ग्रामीण लगातार इसके मुआवजे की मांग करते रहे हैं पर नहीं मिला।