बिलासपुर 12 जून, 2019। छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने अरपा सारडा को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम खुला पत्र लिखा है। राज्य सरकार के अपरा विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण को विघटित करने के निर्णय पर पुर्नविचार करने की मांग की है। सीएम को लिखे खुला पत्र में और क्या कहा हैं।
पढ़िए पूरा लेटर..
माननीय मुख्यमंत्री,
आदरणीय श्री भूपेश बघेल जी,
छत्तीसगढ़ शासन
सादर नमस्कार ,
आज मैं आपको यह पत्र इस आशा के साथ लिख रहा हूँ कि आप इसमें उल्लेखित समस्त तथ्यों का तटस्थ रूप से परीक्षण कर बिना राजनैतिक विद्वेष के लोक हित में उचित निर्णय लेंगे। बिलासपुर, यह सिर्फ़ एक शहर नहीं अपितु एक अविरल ज्ञानस्थली है जिसने सदैव अपने हितों के संरक्षण हेतु प्रयास किया है।
हाल ही में समाचार पत्रों और सोशल मीडिया के माध्यम से एक समाचार पढ़कर आश्चर्य हुआ जिसमें यह जानकारी मिली कि आपके नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार शीघ्र ही अरपा विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण को विघटित करने का निर्णय लेने वाली है। मेरा अनुरोध है कि कृपया ऐसा निर्णय लेने के पूर्व इस पूरी परियोजना एवं उससे जुड़े समस्त पहलुओं का परीक्षण स्वयं करें जिससे आपको यह विश्वास हो सके कि इसी परियोजना के माध्यम से ही बिलासपुर की जीवन दायिनी अरपा नदी को वास्तविक रूप से संरक्षित कर भविष्य का बिलासपुर गढ़ना संभव है।
बिलासपुर का नागरिक और बीस वर्षों तक इसका प्रतिनिधित्व करने के नाते इस पत्र के माध्यम से आपको इस परियोजना और इसके उद्देश्यों का बोध कराना मैं अपना कर्तव्य मानता हूँ। इससे संबंधित कुछ बिंदु निम्नानुसार हैं –
- 1. यह परियोजना अपने क्रियान्वयन प्रारंभ होने के अंतिम चरण में है। आप सहमत होंगे की बिलासपुर का भविष्य अरपा पर निर्भर करता है इसीलिए इस परियोजना का मूल उद्देश्य अरपा नदी को संरक्षित कर इसमें मिश्रित हो रहे नाले-नालियों के पानी को नदी के तट के समानांतर चैनल के माध्यम से पृथक से उपचारित करना है।
- 2. इस परियोजना की प्लानिंग में सड़कों का एक ऐसा नेट्वर्क प्रस्तावित है जिससे आने वाले वर्षों में ट्रैफ़िक से संबंधित समस्याओं का स्थाई समाधान हो सकेगा।
- 3. अरपा-भैंसाझार परियोजना में भी अरपा नदी हेतु २५% तक जल आरक्षण करना का प्रावधान किया गया है जिससे अरपा में १२ महीने जल रहे।
- 4. इसके साथ ही बिलासपुर के योजनाबद्ध विकास हेतु इस परियोजना से संबंधित मास्टर प्लान का प्रकाशन भी पूर्ण हो चुका है। इस मास्टर प्लान को सूक्ष्म अध्ययन एवं विस्तृत सर्वे उपरांत बनाया गया है एवं इसमें भविष्य के बिलासपुर की झलक आप देख सकेंगे।
- 5. इस परियोजना में रिवर बेड संरक्षण, एम्बैंक्मेंट, घाट निर्माण, बैराज, अनिकट, सिटी पार्क, संग्रहालय, 90 फ़ुट सड़कों आदि समस्त ऐसे बिंदुओं का समावेश किया गया है जो बिलासपुर के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे।
यह पत्र मैं राजनीति, दल एवं पार्टी की भावना से हटकर लिख रहा हूँ इसलिए आशा है कि आप भी इसे उसी रूप में लेकर इस परियोजना को लेकर फैलाई गयी भ्रांतियों, जिनका उल्लेख मैं आगे करने जा रहा हूँ, की वस्तुस्थिति से अवगत होंगे-
- 1. आपके निर्देश पर अरपा क्षेत्र में भूमि बिक्री हेतु अनापत्ति लेने का प्रावधान समाप्त करने का निर्णय लिया गया परंतु दुःख का विषय है कि इस निर्णय को लेने के पूर्व ज़िम्मेदार अधिकारियों द्वारा आपको इस प्रावधान एवं इसके अंतर्गत प्रदत्त अनापत्तियों की संख्या नहीं बताई गयी। अनापत्ति लेने का प्रावधान केवल और केवल लोक हित में छोटे भूमि स्वामियों के हितों के संरक्षण के लिए, अरपा के किनारे अवैध अथवा अनियमित विकास रोकने एवं शहर के विकास को मास्टर प्लान की दिशा में परिवर्तित करने हेतु रखा गया था। यदि आप प्राधिकरण से जानकारी लेते तो आपको ज्ञात होता कि अनापत्ति प्राप्त करने की प्रक्रिया सरल थी एवं ऐसे अनापत्ति की संख्या वर्ष में १०० भी नहीं होती थी।
- 2. मैं मानता हूँ कि इस 1800 करोड़ रु की वृहद परियोजना की परिकल्पना एवं उससे जुड़ी समस्त तकनीकी, पर्यावरणीय एवं प्रशासनिक प्रक्रियाओं के कारण यह प्रतीत हो रहा हो कि प्राधिकरण गठन उपरांत इसमें अपेक्षाकृत प्रगति नहीं आई है परंतु आप जैसे अनुभवी व्यक्ति के लिए यह समझना मुश्किल नहीं है कि लगभग दो हज़ार हेक्टेर की इस परियोजना, उससे जुड़े समस्त खसरा नम्बर का सर्वे, अरपा नदी के सौ साल का फ़्लड लेवल, प्लानिंग, डिज़ाइन आदि में थोड़ा वक़्त लगना स्वाभाविक है।
- 3. इस परियोजना में शासकीय कोष में राशि की एकमुश्त उपलब्धता के अभाव में इस पूरी परियोजना को पीपीपी मोड़ पर करने का निर्णय लिया गया था जिससे न केवल शासकीय धन की बचत होती बल्कि लैंड पूलिंग के माध्यम से बिलासपुर के विकास हेतु वैश्विक स्तर की अधोसंरचना निजी भागीदारी से विकसित हो पाती। आपकी जानकारी के लिए इस परियोजना को मुख्य सचिव के अध्यक्षता वाली पीपीपी कमेटी ने भी पास कर दिया है। इसमें निजी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए यदि चाहें तो आप वित्त मंत्री होने के नाते शासकीय गारंटी का प्रावधान रख सकते हैं।
- 4. कुछ लोगों द्वारा यह भ्रांति भी फैलाई गयी कि इस परियोजना के आने से झुग्गी झोपड़ियाँ टूटेंगी, लोग बेघर होंगे। मैं आपके माध्यम से ऐसे लोगों से निवेदन करूँगा कि एक बार बिलासपुर के नूतन चौक स्थित प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों मिलें और पूछें कि कैसे उन्हें झुग्गी झोपड़ी के नारकीय जीवन से उसी स्थान पर कैसा सुंदर आवास, जो निजी क्षेत्र में २५ लाख रु में बिकता, उपलब्ध कराया गया।
- 5. मेरी मंशा केवल इतनी है कि इस परियोजना से जुड़ी समस्त प्रशासकीय प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है, पीपीआर बनकर तैयार है और यदि आप आदेश दें तो इसमें तत्काल डीपीआर बनवाने के लिए निविदा जारी कर सकते हैं जिसमें केवल एक माह का समय लगेगा तत्पश्चात इसमें सीधे कार्य आपके कार्यकाल में प्रारंभ हो सकेगा।
- 6. मुझे बिलासपुर के वरिष्ठ नागरिकों ने बताया कि शासन की मंशा है कि इस परियोजना को बीडीए को पुनर्जीवित कर सौंपा जाएगा परंतु ऐसा करने से इस परियोजना का क्रियान्वयन और कठिन हो जाएगा।
- 7. आप इस तथ्य से ज़रूर सहमत होंगे कि मंथन सभाकक्ष में कलेक्टर द्वारा बैठक लिए जाने से अरपा संरक्षित नहीं हो पाएगी।
मुझे महसूस होता है कि नागरिकों में उक्त परियोजना को लेकर कई भ्रांतियां फैलाई गई हैं इसलिए उक्त पत्र आपको भेजने के साथ सार्वजनिक करना भी उचित प्रतीत होता है।
उपरोक्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी निर्णय के पूर्व एक बार इस परियोजना के संबंध में पूर्ण जानकारी लेकर ही उचित निर्णय लेने का कष्ट करें।
बिलासपुर का एक नागरिक,
अमर अग्रवाल