समाज कल्याण विभाग में कथित 1000 करोड़ का घोटाला मामला: पदेन सदस्यों को नहीं मिला सुनवाई का अवसर.. 2004 के बाद बदल गया था आईएएस अधिकारियों का प्रभार.. सुप्रीम कोर्ट में यही रहा आधार.. पढ़िए पूरा प्रकरण..

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रायपुर 14 फरवरी, 2020 (आरएनएस)। छत्तीसगढ़ शासन के समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत नि:शक्तजन घोटाला मामले पर सीबीआई जांच के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दायर किया गया था। अब प्रकरण में नामित व्यक्तियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में की गई अपील के मद्देनजर प्रकरण पर स्टे लग गया है।

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से संबंधित अधिकारियों को राहत मिल गई है। ज्ञात हो कि उक्त प्रकरण के तहत एक हजार करोड़ रुपए के घोटाले किए जाने संबंधी याचिका दायर की गई थी, जबकि विभागीय तौर पर मात्र तेईस करोड़ रुपए ही स्वीकृत की गई थी। इसके अलावा नि:शक्तजन घोटाले में जिन अफसरों के नाम है, उन्हें विभागीय तौर पर नामित सदस्य के रुप में शामिल किया गया था। चूंकि वर्ष 2004 के बाद उन सभी का स्थानांतरण हो गया था, अत: उन्हें इस मामले के संबंध और सेटअप के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। कुल मिलाकर उन्हें उक्त प्रकरण पर कोई लेना-देना नहीं था। याचिकाकर्ता द्वारा अफ सरों को आरोपित किया जाना उचित नहीं था। याचिका दायर करने के बाद उन अफसरों को नोटिस, सूचना अथवा इस प्रकरण से संदर्भित कोई जानकारी प्रेषित भी नहीं की गई। उन्हें हाईकोर्ट द्वारा सुनवाई का अवसर भी नहीं दिया गया। अत: उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की इस पर कोर्ट ने उन्हें राहत प्रदान करते हुए प्रकरण पर स्टे लगा दिया गया है।