निधन के बाद अपने परिवार के लिए कितनी संपत्ति छोड़ गए हैं पूर्व सीएम अजीत जोगी… पीएम मोदी ने कहा, जनसेवा के लिए समर्पित थे जोगी..

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष अजीत जोगी का लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार को 74 साल की उम्र में निधन हो गया। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने मध्य प्रदेश से अलग करके जब छत्तीसगढ़ को अलग राज्य का दर्जा दिया तो अजीत जोगी राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने थे। अजीत जोगी के निधन पर छत्तीसगढ़ सरकार ने तीन दिन के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है। अजीत जोगी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह समेत तमाम दिग्गजों ने शोक जाहिर की है।

इतने करोड़ की संपत्ति के मालिक थे अजीत जोगी

चुनाव आयोग को 2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान दी गई जानकारी के मुताबिक, अजीत जोगी करीब 8 करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक थे। अजीत जोगी के पास केवल एक स्कॉर्पियो गाड़ी और उनके नाम पर एक टेंपो ट्रैवलर था, जिनकी कुल कीमत करीब 25 लाख रुपए है। इसके अलावा उनके पास 19 लाख रुपए की ज्वैलरी थी। अजीत जोगी के पास एक करोड़ 78 लाख रुपए की कृषि भूमि और करीब 2 करोड़ रुपए की गैर-कृषि भूमि थी। पैतृक गांव गौरेला और रायपुर में उनके घर हैं, जिनकी कीमत करीब 2 करोड़ रुपए है।

पीएम मोदी ने कहा, जनसेवा के लिए समर्पित थे जोगी

अजीत जोगी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक जाहिर किया। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘श्री अजीत जोगी जनसेवा के लिए समर्पित थे। जनसेवा के इसी समर्पण के लिए उन्होंने एक नौकरशाह और राजनेता के तौर पर कड़ी मेहनत की। वह गरीबों, विशेषकर आदिवासी समुदायों के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहे। मैं उनके निधन से काफी दुखी हूं और उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं।’

एक डीएम बन गया देश की सबसे बडी़ पार्टी का सांसद

अजीत जोगी ने खुद एक इंटरव्यू के दौरान इस बात का खुलासा किया था कि साल 1985 में वो इंदौर के डीएम थे। एक दिन जब वो दफ्तर से घर लौटे तो पता चला कि उनके लिए सीधे दिल्ली में पीएमओ से फोन आया था। अजीत जोगी ने वापस फोन किया, तो उन्हें बताया कि कांग्रेस उन्हें पार्टी के टिकट पर राज्यसभा में भेजना चाहती है। अजीत ने फोन रख दिया और काफी सोच-विचार के बाद फैसला लिया कि वो अब सियासत की दुनिया में कदम रखेंगे। फोन पर दोबारा बात हुई तो खुद कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह उन्हें लेने के लिए इंदौर पहुंच गए। और इस तरह एक डीएम देश की सबसे बडी़ पार्टी का सांसद बन गया।