आखिर बाइक चोर गिरोह पर क्यों मेहरबान है लखनपुर पुलिस? बाइक चोर गिरोह का पर्दाफाश… बड़ी मात्रा में बाइक बरामद…

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लखनपुर। विगत कई महीनों से लखनपुर तथा आसपास के छेत्रों में हो रही वाहनों की चोरी के मद्देनजर लखनपुर पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है जहाँ एक बड़े चोर गिरोह को पकड़ने में सफलता प्राप्त हुई है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लखनपुर पुलिस को लगातार क्षेत्र से चोरी की घटनाओं की सूचना प्राप्त हो रही थी जिसके बाद चोरों की तलाश करते हुए पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। जहां पुलिस द्वारा लगतार लॉक डाउन संबंधी नियमों के पालन के लिए ग्राम भरतपुर के रास्ते में सतत पेट्रोलिंग के दौरान पेट्रोलिंग पार्टी के द्वारा संदिग्ध रूप से घूम रहे विकासखंड मैनपाट के नर्मदापुर ग्राम के एक युवक राहुल गुप्ता पिता अवध बिहारी गुप्ता को पैशन प्रो सोल्ड मोटरसायकल के साथ पूछताछ की गयी। जहां उक्त युवक के पास वाहन का कोई कागजात नही होना बताया गया।युवक ले द्वारा संतोषप्रद जवाब नही मिलने पर पुलिस के द्वारा धारा 91 जा.फौ. 379 के तहत कागजात प्रस्तुत करने नोटिस दिया गया। जिसके बाद युवक उक्त वाहन के चोरी के होने की बात स्वीकार की जिसके बाद पुलिस द्वारा तत्काल वाहन को जप्त कर लिया गया तथा जांच प्रक्रिया प्रारम्भ की गयी।

इस दौरान कई सारी बातें निकल कर सामने आयी जहां युवक जे इस संबंध में जारी पुछताछ में पता चला कि नर्मदापुर के ही आशुतोष भगत और रूपेश मिंज के साथ मिलकर 2 सप्ताह पहले कांसाबेल जिला जशपुर से पैशन प्रो, अपाचे आरटीआर 160 बगीचा जिला जशपुर सहित करीब 5 से 7 दोपहिया वाहनों की चोरी की गई थी।पूछताछ में उक्त युवक ने बताया कि तीनो युवक के द्वारा दोपहिया वाहनों की चोरी कर ख़रीदी बिक्री का कार्य किया जाता था जहां लखनपुर के कुछ युवक भी खरीद फरोख्त के इस मामले में शामिल थे।

युवक ने पुलिस को बताया कि लखनपुर के मयंक गुप्ता जिसके द्वारा इन सभी चोरी की दोपहिया वाहनों की खरीद बिक्री का काम अपने हाथ में लिया गया था तथा जिसने यह बात राहुल से कही थी कि आप जितना हो सके चोरी की वाहन लाना उसके बिक्री की जिम्मेदारी मेरी होगी। जिसके बाद लगातार चोरी की इन दोपहिया वाहनों को मयंक गुप्ता तथा लवली सोनी के सहायता से लखनपुर के कई लोगो को बेचा गया जिनमें अपाचे मोटरसायकल को लखनपुर के सचिन बारी को 10 हजार रुपये में, एक पैसन प्रो को मुख्तार खान लखनपुर को 8 हजार रुपये में,एक एचएफ डीलक्स मोटरसायकल को नासिर हुसैन लखनपुर को 5500 रूपये में,एक पल्सर मोटरसायकल को 6 हजार रुपये में लखनपुर के ही राकेश साहू को बेचा जाना बताया गया।

ये सारी बातें मेमोरेंड कथन के रूप में रिकॉर्ड की गई है जिसके बाद इस पूरे मामले में सहयोगी के तौर पर कार्य करने वाले मयंक गुप्ता तथा लवली सोनी से भी खरीद बिक्री के दौरान लिए गए कुछ पैसे भी बरामद किए गए हैं।

इस पूरे मामले में पुलिस द्वारा सारे चोरी की वाहनों की जप्ती कार्यवाही करते हुए सारे वाहन बरामद कर लिए गए हैं। तथा चोरी की इस गिरोह में शामिल सभी लोगो तथा खरीददारों के प्रति धारा 41 (1-4) जा.फौ./379,411,34 के तहत कार्यवाही करते हुए मामला दर्ज किया गया है।

इस मामले में पत्रकारों को नहीं दी गई एंट्री

इस पूरे मामले की सूचना जब पत्रकारों को हुई तो उन्होंने इस पूरे मामले के बारे में जानना चाहा परंतु किसी भी स्थानीय पत्रकार को इस मामले में कोई भी जानकारी देने से पुलिस महकमा बचता नजर आया जिसके बाद एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पत्रकारों को सूचना दी गयी।

मयंक गुप्ता, राकेश साहू इस मामले में चिन्हित चेहरे

लखनपुर की राजनीति में एक बड़े चहेरे के तौर पर पहचाने जाने वाले मयंक गुप्ता भी हैं जिन्हे राजनीति के छेत्र में एक जाना पहचाना चेहरा माना जाता है,वही दूसरी ओर एक राजनेता एवं तथाकथित पत्रकार राकेश साहू भी लखनपुर में अपनी एक अलग पहचान रखते हैं जिसके बाद अब इस पूरे मामले में इनकी संलिप्तता ने कई सारे सवालो को जन्म दिया है जीसके बाद इसके जवाब मिलने शायद मुमकिन नही है।

पुलिस द्वारा निजी वाहन में आरोपियों को ले जाना समझ से परे

इस चोरी के पूरे मामले का पर्दाफाश कर पुलिस प्रसाशन एक ओर अपनी पीठ थपथपाती नजर आ रही है तो वही दूसरी ओर इस पूरे मामले में आरोपियों को पुलिस के आला अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किये जाने निजी वाहन का प्रयोग किया जाना समझ से परे नजर आता है।ये सारी बातें कई सारे सवालों को जन्म देती नजर आती जहां लोगो के द्वारा ये भी कयास लगाये जा रहे है की इस पूरे मामले में लखनपुर से जुड़े कई और नामचीन लोगों का हाथ था परंतु लखनपुर पुलिस के द्वारा मामले में एक हद तक लीपापोती की जा रही है तथा आधी अधूरी जानकारी ही मीडिया के माध्यम से दी जा रही है।चोरी के इस संगीन मामले में छोटी मछली को सामने रख बड़ी मछलियों को साफ तौर पर बचाया जाना स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है जिसके बाद अब तक पुलिस प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी मामले में मीडिया से कुछ कहने से बचते नजर आ रहे हैं।