भिलाई। मोबाइल खरीदे जाने के 4 महीने में ही वारंटी अवधि के दौरान उसमें आई तकनीकी समस्या और मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट के लिए सर्विस सेंटर एवं निर्माता कंपनी को जिला उपभोक्ता फोरम दुर्ग के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने व्यवसायिक कदाचरण एवं सेवा में निम्नता का जिम्मेदार माना और रु. 34000 हर्जाना लगाया।
परिवाद के मुताबिक नेहरू नगर भिलाई निवासी जयप्रकाश सिन्हा ने 5 जून 2016 को लीमाल डॉट कॉम के माध्यम से लिको कंपनी का मोबाइल ऑनलाइन खरीदा था। इस मोबाइल को पुणे स्थित सप्लायर वोरा एंड वोरा टेक्नोलॉजीस द्वारा परिवादी को ऑनलाइन बेचा गया था। मोबाइल पर 12 महीने की वारंटी दी गई थी, मोबाइल में खराबी आने पर परिवादी ने मोबाइल को भिलाई स्थित सर्विस सेंटर प्रिशा कम्युनिकेशन में दिनांक 24 अक्टूबर 2016 को दिखाया जिसे कि सर्विस सेंटर द्वारा ठीक करके देने के लिए रख लिया गया और परिवादी को जॉब सीट प्रदान कर 30 अक्टूबर 2016 तक मोबाइल बना कर देने को कहा परंतु मोबाइल नहीं बनाया गया।
भिलाई के सर्विस सेंटर का जवाब
प्रकरण में पुणे का सप्लायर दुकानदार एवं निर्माता कंपनी अनुपस्थित रही लेकिन भिलाई स्थित सर्विस सेंटर प्रिशा कम्युनिकेशन ने प्रकरण में उपस्थित होकर यह बचाव लिया कि परिवादी के मोबाइल का जॉब कार्ड बनाया गया था और मोबाइल की मेन बोर्ड खराब थी परंतु परिवादी द्वारा नये मोबाइल की मांग की जा रही थी, जिस पर सर्विस सेंटर द्वारा कंपनी में कई बार ईमेल कर परिवादी के पक्ष में कंपनी के निर्देश व आदेश का इंतजार किया जाता रहा और परिवादी की समस्या का समाधान करने का हरसंभव प्रयास किया गया।
जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये एवं लता चंद्राकर ने सर्विस सेंटर के जवाब एवं प्रकरण में पेश दस्तावेजों के आधार पर यह पाया कि सर्विस सेंटर द्वारा स्वयं ही इस बात की स्वीकारोक्ति की गई है कि परिवादी के मोबाइल की मेन बोर्ड खराब थी। इससे यह प्रमाणित हुआ कि परिवादी के मोबाइल में खरीदी पश्चात वारंटी अवधि में ही गंभीर तकनीकी एवं निर्माणगत त्रुटि की समस्या आई थी। जिला उपभोक्ता फोरम ने यह अभिनिर्धारित किया कि खरीदने के 4 महीने में ही मोबाइल में गंभीर त्रुटि आ गई, जिसे अनावेदकगण ठीक करने में सक्षम नही थे इसके कारण उस प्रोडक्ट पर अविश्वास कर उसे रिप्लेस किए जाने या उसकी संपूर्ण कीमत की वापसी की मांग परिवादी ने की है तो यह अनुचित नहीं है, इस कारण फोरम ने परिवादी को मोबाइल की संपूर्ण कीमत पाने का हकदार माना। जिला उपभोक्ता फोरम ने परिवादी को मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति स्वरूप रु. 10000 अदा किए जाने का भी आदेश दिया,जिसके संबंध में फोरम ने कहा कि त्रुटिपूर्ण मोबाइल के कारण परिवादी के मोबाइल खरीदने के प्रयोजन की पूर्ति नहीं हो पायी एवं मोबाइल के लिए परिवादी परेशान रहा इसलिए वह मानसिक क्षतिपूर्ति पाने का हकदार है। इस प्रकार जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा मोबाइल की कीमत रु. 22999, मानसिक क्षतिपूर्ति स्वरूप रु. 10000, तथा वाद व्यय के रूप में रु. 1000 कुल मिलाकर राशि रु. 33999 अनावेदकगण पर हर्जाना लगाते हुए एक माह के भीतर 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित परिवादी को अदा करने का आदेश दिया गया।