06 फरवरी 2019, रायपुर। छत्तीसगढ़ में कार्यरत 180000 अनियमित कर्मचारियों को कैबिनेट बैठक से बहुत आशाएं थी। जिस प्रकार से छत्तीसगढ़ सरकार ने सभी वर्गों के लिए 1 माह के कार्यकाल में कुछ न कुछ दिया उसी में अनियमित कर्मचारी भी कुछ फैसलों की उम्मीद में भी लगे हुए थे। विगत दिनों मुख्यमंत्री ने अनियमित कर्मचारियों के सम्बंध में बड़े फैसले लेने की बात छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारियों से कही थी। साथ ही जन संवाद सह महासम्मेलन के लिए अपनी सहमति दी थी। लेकिन मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे के कारण जन संवाद कार्य्रकम को अनियमित कर्मचारियों को कैंसिल करना पड़ा।
- लेकिन कैबिनेट बैठक में अनियमित कर्मचारियों को नियमितिकरण के सम्बंध में कुछ फैसला होने की उम्मीद थी।
- लेकिन प्राप्त जानकारी के अनुसार कोई भी फैसला 180000 अनियमित कर्मचारियों के सम्बंध में नही लिया जा सका।
- छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय प्रवक्ता एवं संघ के अधिकारियों ने बताया कि माह फरवरी एवं मार्च में संविदा, दैनिक वेतन भोगी एवं अभी प्रकार के अनियमित कर्मचारियों का वार्षिक मूल्यांकन किया जाता है।
- जिसमे अनियमित कर्मचारियों को बेवजह निकाला जाता है।
- और उक्त बातों को वो पहले भी छतीसगढ़ सरकार के मुख्यमंत्री एवं सभी कैबिनेट मंत्रियों को बता चुके है लेकिन इस जॉब सिक्योरिटी जैसे महत्वपूर्ण विषयों जिसमे बजट जैसी कोई भी समस्या नही आनी है ऐसे विषय पर सरकार के द्वारा कोई भी स्टैंड नही लिया गया।
- घोषणा पत्र के वायदों के अनुरूप नही जाहिर हो रहा है।
- और बड़े फैसलों के दौर में 180000 अनियमित कर्मचारी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे है।